Sunday, 4 April 2021

कुछ कर ना पाए हम. || By: Ankita singh ||

कुछ कर ना पाए हम
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तहज़ीब बना दी तूने यारा
तक़दीर बनाना पाए हम
रंग भर दिये आँखों में
तस्वीर बनाना पाए हम

रोना सीखें, हँसना सीखें
चलना भी सिखाए तुम
फिर बाह पकड़कर पीछे खींचे
जी-जी मरना बतलाए तुम 

क्यों दुनिया में आने से पहले 
 दुनिया का मोल बताना भूल गए 
 जीने के बदले यार मेरे 
इसका मोल चुका ना पाये हम
 
तहज़ीब बना दी तूने यारा 
तक़दीर बनाना पाए हम 
बाँट दिया तुमने हमको
बंटवारे का भार बताए तुम

गलत नहीं थे हम भी फिर भी
गलत हमें ठहराये तुम
आँखें भर कर यार मेरे
होठों से मुस्काए हम

तहज़ीब बना दी तूने यारा
तक़दीर बनाना पाए हम।।

                    ©ankita singh
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